Bihar Teachers https://biharteachers.in Teachers Portal Sun, 20 Aug 2023 12:43:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5 https://biharteachers.in/wp-content/uploads/2023/05/cropped-FEVICON-32x32.png Bihar Teachers https://biharteachers.in 32 32 From the Heart: Touching Teachers’ Day Wishes to Express Your Gratitude” https://biharteachers.in/2023/06/30/from-the-hear-touching-teachers-day-wishes-to-express-your-gratitude-and-appreciation/ https://biharteachers.in/2023/06/30/from-the-hear-touching-teachers-day-wishes-to-express-your-gratitude-and-appreciation/#respond Fri, 30 Jun 2023 09:14:48 +0000 https://biharteachers.in/?p=2916 Why Touching Teachers’ Day Wishes Matter
A. Emphasize the significance of expressing wishes to teachers on Teachers’ Day. Here we know how these wishes can have a profound impact on teachers’ motivation.
B. Highlight the positive effects of heartfelt wishes: strengthening the teacher-student bond and a positive learning environment.

Types of Teachers’ Day Wishes
A. Explore the different categories of wishes that can be conveyed to teachers on this special day.
1. Personalized wishes tailored to individual teachers: Provide examples of specific qualities, characteristics, or experiences that can be mentioned in the wishes to make them more personal and heartfelt.
2. Inspirational wishes to uplift and motivate teachers: Share encouraging words that acknowledge their hard work, dedication, and the impact they have on students’ lives.
3. Creative and unique wishes to surprise teachers. Like handmade cards, videos and presents.

How to Write Heartfelt Teachers’ Day Wishes
A. Provide practical tips on crafting genuine and meaningful wishes for Teachers’ Day. 1. Use specific examples and anecdotes: Encourage readers to incorporate specific instances or memories to make their wishes more personal and memorable. 2. Express gratitude and highlight the positive impact of teachers: Guide readers on expressing their appreciation sincerely, emphasizing the ways teachers have influenced their lives or the lives of their children.

B. Offer language and tone suggestions for conveying sincerity and appreciation in the wishes. 1. Recommend warm and sincere language: Provide phrases and words that can help readers convey their wishes with authenticity and warmth. 2. Caution against clichés and generic phrases: Advise readers to avoid overused or insincere expressions in their wishes and encourage them to be genuine.

Examples of Teachers’ Day Wishes
Present a collection of sample wishes. These examples can serve as inspiration for readers to craft their own unique wishes.

Some Teachers’ Day wishing quotes:

  1. A good teacher can inspire hope, ignite the imagination, and instill a love for learning.” – Brad Henry
  2. “Teaching is the profession that creates all other professions.” – Unknown
  3. “The influence of a great teacher can never be erased.” – Unknown
  4. “The best teachers are those who show you where to look but don’t tell you what to see.” – Alexandra K. Trenfor
शिक्षक एक मार्गदर्शक हैं, जो प्रकाश के साथ-साथ ज्ञान का दीपक भी प्रज्ज्वलित करते हैं। – रवींद्रनाथ टैगोर
एक अच्छा शिक्षक उम्मीद का प्रेरणा दे सकता है, कल्पना को जला सकता है और सीखने के प्रति प्यार भी भर सकता है। – ब्रैड हेनरी
एक शिक्षक वह पेशेवर है, जो सभी अन्य पेशेवरों को पैदा करता है। – अज्ञात
महान शिक्षक का प्रभाव कभी मिटा नहीं सकता। – अज्ञात

Conclusion
A. Summarize the importance and impact of Teachers’ Day wishes, emphasizing how they can make teachers feel valued and appreciated.
B. Encourage readers to seize the opportunity to express their gratitude to teachers on this special day.
C. Conclude with final thoughts on the lasting effects of heartfelt wishes and the role they play in recognizing the contributions of teachers.

This post will provide readers with a comprehensive understanding of Teachers’ Day wishes, why they matter, different types of wishes, tips for writing them, and practical examples to inspire their own heartfelt messages.

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कार्यरत शिक्षकों को BPSC परीक्षा देने के लिए करना होगा ये – https://biharteachers.in/2023/06/30/download-noc-for-working-teachers-from-niyojan-ikai/ https://biharteachers.in/2023/06/30/download-noc-for-working-teachers-from-niyojan-ikai/#respond Fri, 30 Jun 2023 06:13:41 +0000 https://biharteachers.in/?p=2913 NOC format download for working teacher: Here you can download NOC format for working teacher in MS Word file

बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए नियमों में बदलाव KE के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों एवं राज्यकर्मी की मांग कर रहे लाखों कार्यरत शिक्षकों में आक्रोश फ़ैल चुका है

अब तक “बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023” में दर्जनों बार संशोधन हो चुका है

28 जून को निर्गत पत्र में संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्रांक- 743 दिनांक- 10.04.2023 के अलोक में निर्गत नियमावली के बिंदु 7 को स्पष्ट किया है.

जिसमें पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक उक्त नियमावली के तहत राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन दे सकते हैं . लेकिन उन्हें पिछली सेवा का लाभ लेने के लिए अनिवार्य अहर्ता के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना होगा .

यह अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) आवेदन देने की अंतिम तिथि के पूर्व नियुक्ति प्राधिकार से लेना होगा और विद्यालय अध्यापक के पद पर चयनित होने की स्थिति में उसे नियुक्ति के पूर्व सम्बंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध करना आवश्यक होगा.

अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) का प्रारूप डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Related Departmental Letter:-

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क्या जींस- टी शर्ट में नहीं जा सकेंगे स्कूल ? https://biharteachers.in/2023/06/29/dress-code-for-officials-and-school-teachers-in-bihar-eduacation-depa/ https://biharteachers.in/2023/06/29/dress-code-for-officials-and-school-teachers-in-bihar-eduacation-depa/#respond Thu, 29 Jun 2023 06:04:52 +0000 https://biharteachers.in/?p=2892 शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के निदेशक -सह- अपर सचिव ने पत्रांक 1140 दिनांक 28.06.2023 के द्वारा एक आदेश जारी किया है। जिसके द्वारा शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में कर्मियों को कैजुअल कपड़ों में कार्यालय आने से किया गया है ।

हालांकि यह आदेश कार्यालयों के कर्मियों को प्रतिलिपि किया गया है, और विद्यालय के कर्मियों को संबोधित नहीं किया गया है । लेकिन यह माना जा सकता है कि विद्यालयी निरिक्षण के दौरान निरिक्षण पदाधिकारी विद्यालयों में भी इसे लागू करवाएंगे ।

परन्तु इस पत्र से इतना तो स्पष्ट होता है कि यह आदेश विद्यालयों से इतर कार्यालयों के कर्मी गण के लिए है।
बहरहाल अगर विद्यालयों में इस आदेश को लागू करवाने के लिए परिधानों के लिए विस्तृत परिभाषा की आवश्यकता है। जैसे कि कोई वृद्ध शिक्षक, जो (Formal Dress) नहीं पहन सकते हैं, उनके लिए क्या नियम लागू होने चाहिए ? महिला शिक्षिका के लिए क्या परिधान होने चाहिए ?

क्षेत्रीय संस्कृति एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विद्यालय में परिधान की अलग से व्याख्या होनी चाहिए ।

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BPSC शिक्षक बहाली के लिए जाति, आवासीय, क्रीमीलेयर ऐसे बनवाएं https://biharteachers.in/2023/06/13/how-to-apply-for-cast-residence-for-bpsc-teacher-7th-phase/ https://biharteachers.in/2023/06/13/how-to-apply-for-cast-residence-for-bpsc-teacher-7th-phase/#respond Tue, 13 Jun 2023 15:50:53 +0000 https://biharteachers.in/?p=2870 बिहार में सातवें चरण के शिक्षक बहाली में bpsc के द्वारा परीक्षा लिए जाने के उपरांत शिक्षक की बहाली की प्रक्रिया जारी है. बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा ज्ञापन संख्या 26/2023, शिक्षा विभाग, बिहार के विद्यालय अध्यापक के कुल 1,70,461 पदों पर नियुक्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है. इन पदों के लिए BPSC ने विषयवार एवं कोटिवार विवरणी जारी किया है. BPSC शिक्षक बहाली के लिए जाति आवासीय क्रीमीलेयर के लिए …

विज्ञापन की मुख्य बातें-

  • अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु अनिवार्य अर्हता
  • आवश्यक शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता
  • लिखित परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम एवं संरचना
  • आरक्षण सम्बन्धी नियम
  • आरक्षण का लाभ लेने के लिए लगने वाले आवश्यक प्रमाणपत्र
  • परीक्षा शुल्क एवं
  • अन्य नियम एवं शर्तों का विस्तार से उल्लेख किया गया है .

उक्त विज्ञापन में पैर 8 के ‘B’ में कहा गया है कि “आरक्षण का दावा करने वाली विवाहित महिलाओं का जाति/ स्थाई निवास / क्रीमीलेयर रहित प्रमाण पत्र उनके पिता के नाम एवं पता से निर्गत होना चाहिए न कि उनके पति के नाम से” . जिससे अरक्षित कोटि के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण के बिंदु पर बहुत सारे शिक्षकों के लिए संशय की स्थिति बनी हुई है. जिसमें खासकर विवाहित महिलाएं हैं और वैसे अभ्यर्थी जो वर्तमान में सेवा में हैं लेकिन बिहार के निवासी नहीं हैं.

विवाहित महिलाओं के लिए क्या है दिक्कत ?

विवाहित होने की स्थिति में महिलाएं अपने आधार या अन्य आई डी बदलवा लेती हैं जिससे आवासीय/ आय/ क्रीमीलेयर का आवेदन रिजेक्ट होने की संभावना होती है.

कैसे करें आवेदन-

  • आवेदन करने के क्रम में अपने पिता के घर (मायके) का पता भरें
  • ‘पति का नाम’ का कोलम खाली छोड़ दें
  • साक्ष्य अटैच करने के क्रम में अपने पिता/ माता एवं स्वयं का कोई भी पहचान पत्र (जैसे- वर्तमान का कार्ड) का एक साथ मर्ज किया हुआ PDF बना लें
  • ‘आवेदन का उद्देश्य’ के कोलम में लिखें- BPSC शिक्षक बहाली हेतु
BPSC शिक्षक बहाली के लिए जाति आवासीय क्रीमीलेयर

क्रीमीलेयर रहित प्रमाण पत्र के लिए आय प्रमाण पत्र हेतु –

  • कार्यरत शिक्षक / शिक्षिका होने की स्थिति में अपना वास्तविक आय भरें
  • साक्ष्य के लिए सर्विस बुक की अद्यतन पृष्ठ की छाया प्रति अपलोड करें |
    अथवा
  • छः माह का पे स्लिप अपलोड करें

बिहार का निवासी नहीं होने पर –

  • वैसे शिक्षक या शिक्षिका जो बिहार से बाहर के निवासी हैं, वे इस परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं
  • ऐसी स्थिति में वे अपने सेवा में वर्तमान नियोजन इकाई में बने रहेंगे
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Bihar 2023 – शिक्षक बहाली : कब और कैसे https://biharteachers.in/2023/05/26/shikshak-bahali-kab-sur-kaise-teacher-job-histrory-bihar/ https://biharteachers.in/2023/05/26/shikshak-bahali-kab-sur-kaise-teacher-job-histrory-bihar/#respond Fri, 26 May 2023 04:30:44 +0000 https://biharteachers.in/?p=2841 बिहार सरकार ने नियमावली 2023 लागू करके शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में परिवर्तन किया है। पहले, प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति जिला स्तर पर वर्षवार प्रशिक्षित शिक्षक अभ्यर्थियों के पैनल से होती थी। इसके बाद, 2000-2010 के बीच इसमें कुछ बदलाव आये । अब नई नियमावली के अनुसार, शिक्षक बहाली BPSC की परीक्षा के द्वारा होगी।

अब तक की बहाली प्रक्रिया की पूरी कहानी-

  • पहले, मैट्रिक के बाद प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) प्राप्त करने वाले उम्मीदवार बनाए जाते थे।
  • सरकार उन उम्मीदवारों की सूची बना कर रखती थी और नियुक्ति जिला स्तर पर वर्षवार प्रशिक्षित शिक्षक अभ्यर्थियों के पैनल से होती थी।
  • इन शिक्षकों को नियमित शिक्षक कहा जाता था और उन्हें सभी तरह की सुविधाएं प्राप्त होती थीं, जैसे पेंशन, वेतन वृद्धि, पीएफ, महंगाई भत्ता, टीए और डीए।
  • इस प्रक्रिया को लंबे समय से चलाया जाता रहा।
  • परंतु, 2023 में बिहार सरकार ने नई नियमावली को स्वीकार किया . और शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में काफी परिवर्तन किया है। अब शिक्षक बहाली बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा के द्वारा होगी। BPSC ने पूरी तैयारी कर ली है और शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।
  • इस प्रकार, 90 के दशक से 2023 तक शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में मुख्य बदलाव यह है कि अब पुनः शिक्षक बहाली BPSC की परीक्षा के माध्यम से होगी। यह नई नियमावली शिक्षकों को राज्य सरकार के राज्यकर्मी के दर्जे तक पहुंचने की सुविधा देने के लिए किया गया है .

बिहार प्रारंभिक विद्यालय नियुक्ति नियमावली 1991

बिहार में प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में पहला बदलाव 1991 में तत्कालीन सरकार के द्वारा किया गया. और नियमावली 1991 अस्तित्व में आई।

इस नियमावली के तहत शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी के द्वारा की गई। जिसमें शिक्षकों की बहाली बीपीएससी की परीक्षा से होनी थी और परीक्षा में प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित, दोनों तरह के लोगों को अवसर दिया गया।

नियुक्ति नियमावली 1991 के नियम 11 के अनुसार-

  • जो उम्मीदवार प्रशिक्षित थे, उन्हें मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान में नियुक्त किया जाना था,
  • और जो उम्मीदवार अप्रशिक्षित थे, उन्हें मैट्रिक अप्रशिक्षित वेतनमान के प्रारंभिक वेतनमान में नियुक्त किया गया था.

वर्ष 2003: तत्कालीन राजद सरकार के काल में 34540 सहायक शिक्षक पद के लिए विज्ञापन

  • वर्ष 2003 में तत्कालीन राबड़ी देवी की सरकार ने 34540 सहायक शिक्षक पदों के विज्ञापन निकाले।
  • इसमें आवेदकों के लिए माध्यमिक (मैट्रिक) और उच्च माध्यमिक(इंटरमीडिएट) परीक्षा उत्तीर्ण होने की अहर्ता निर्धारित की गई थी।
  • वे अभ्यर्थी जो प्रशिक्षित थे, उन्होंने विज्ञापन के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
  • वर्ष 2005 में न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला देते हुए प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को ही बहाल करने का आदेश दिया।

इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी और इस तरह राज्य में 34540 सहायक शिक्षकों की बहाली का मामला अधर में लटक गया।

इस नियमावली के तहत परीक्षा के ज़रिये पहली बार वर्ष 1994 में राज्य में शिक्षकों की बहाली हुई। इसके बाद परीक्षा के माध्यम से वर्ष 1999 और 2000 में नियुक्ति हुई। इसके बाद राज्य में कुछ सालों तक शिक्षकों की बहाली बंद रही।

पंचायत शिक्षा मित्र

  • राबड़ी देवी सरकार में काफी लंबे समय बाद शिक्षकों की बहाली हुई, जिन्हें ‘पंचायत शिक्षा मित्र’ नाम दिया गया।
  • इसके बारे में कहा गया कि नए शिक्षकों की बहाली होने तक ये ‘पंचायत शिक्षा मित्र’ वैकल्पिक व्यवस्था हैं।
  • यह बहाली नियोजन अनुबंध पर हुई थी जिसमें वेतन प्रति माह 1500 रुपये मिलते थे, जो साल में 11 माह के लिए ही देय था।
  • इस पद के लिए शिक्षकों को उसी पंचायत का निवासी होना शर्त थी, जहां पर बहाली होनी थी।
  • इस बहाली में मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षा के प्राप्तांक को आधार बनाया गया था।
  • जो शिक्षा मित्र सिर्फ मैट्रिक पास थे, उनको तीन साल के अंदर इंटर की योग्यता हासिल करने के लिए कहा गया था। ये शिक्षक ग्राम पंचायत के द्वारा बहाल किये गये थे। 11 माह पूरा होने के पश्चात शिक्षा मित्रों के लिए अपना अनुबंध रिन्यु कराने का प्रावधान था।
  • कोई भी शिक्षा मित्र सिर्फ 3 बार ही अपना अनुबंध रिन्यु करा सकता था।
  • ऐसे शिक्षकों को शिक्षा विभाग की तरफ से पहले साल में 1 माह का प्रशिक्षण, तथा दूसरे साल में एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिलाने का प्रावधान था।

वर्ष 2005 में नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री बने, तो इन शिक्षा मित्रों की उम्मीद दोगुनी हो गई। दरअसल, नीतीश कुमार की सरकार इस वादे के साथ सत्ता में आई थी कि सरकार में आते ही वह इन शिक्षा मित्रों को स्थाई कर देंगे।

नियोजन और सेवा शर्त नियमावली 2006

सरकार जुलाई 2006 में बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन और सेवा शर्त), बिहार नगर निकाय प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन और सेवा शर्त) नियमावली और जिला परिषद माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक (नियोजन और सेवा शर्त) नियमावली लेकर आई। पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों को दो श्रेणी में रखा गया- प्रखण्ड शिक्षक जिनकी प्रखण्ड स्तर पर तथा पंचायत शिक्षक जिनकी पंचायत स्तर पर बहाली होनी थी।

प्रखण्ड शिक्षकों का नियोजन मध्य विद्यालयों में पंचायत समिति द्वारा और पंचायत शिक्षकों का नियोजन प्राथमिक विद्यालयों में ग्राम पंचायत द्वारा किया जाना था। इसमें प्रशिक्षित तथा अप्रशिक्षित दोनों कोटि के शिक्षकों की बहाली होनी था। हालांकि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को वरीयता देने की बात कही गई थी। प्रत्येक कोटि में 50 फीसद सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी।

नगर प्रारंभिक शिक्षकों को भी दो श्रेणी में रखा गया- नगर शिक्षक(प्रशिक्षित) और नगर शिक्षक(अप्रशिक्षित)। इस बहाली के लिए स्थानीय नगर निकायों को ज़िम्मेदारी दी गई। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत इन निकायों में शामिल थे।

2003 में जो शिक्षक शिक्षा मित्र के पदों पर बहाल हुए थे, उनको वर्ष 2006 में नियोजित शिक्षकों के तौर पर मान्यता मिली। उनके सेवाकाल को बढ़ा कर 60 वर्ष कर दिया गया। हालांकि इन नियोजित शिक्षकों को पहले के नियमित शिक्षकों को मिलने वाली सुविधाएं, जैसे कि पेंशन, पीएफ, वेतन वृद्धि, टीए तथा डीए से वंचित कर दिया गया।

अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षक को प्रशिक्षित कराने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) को इन शिक्षकों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई। इस दो वर्षीय प्रशिक्षण को डीपीई यानि ‘डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन’ नाम दिया गया। सत्र 2007-09 में लगभग 40000 हज़ार शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया। सत्र 2008-10 और 2009-11 में भी लगभग इतने ही शिक्षकों ने प्रशिक्षण में हिस्सा लिया।

बिहार विशेष प्रारंभिक शिक्षक नियमावली-2010 (34540 कोटि)

  • 34540 सहायक शिक्षक पदों की बहाली के आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में जो अपील दायर की थी, उसे सरकार ने 2007 में वापस ले लिया।
  • लेकिन सरकार ने प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को सरकारी वेतनमान के बजाय सिर्फ 5000 रुपये का वेतन देकर नियोजित करना प्रारंभ किया।
  • इससे नाराज़ होकर प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दायर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2009 में याचिकाकर्ताओं के हक़ में फैसला दिया और कहा कि सरकार प्रशिक्षण वर्ष के आधार पर वरीयत़ा सूची बनाकर जल्द से जल्द नियुक्ति करे।

इस आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग ने ‘बिहार विशेष प्रारंभिक शिक्षक नियमावली-2010’ बनाई, और इस तरह से राज्य में 34540 सहायक शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हुआ। इन पदों पर विभाग द्वारा आवेदन मांगा गया और वर्ष 2012 में जो अभ्यर्थी 23 जनवरी 2006 तक प्रशिक्षित(बीएड) थे, उनको सहायक शिक्षकों के पद पर बहाल कर दिया गया। इन पदों में 28600 शिक्षक सामान्य विषय के लिए, 1113 शारीरिक शिक्षक पद पर और 4827 शिक्षक उर्दू विषय के पद पर बहाल हुए। ये नियमित शिक्षक कहलाए, लेकिन इनको पेंशन से वंचित कर दिया गया। राज्य में ‘नियमित’ शिक्षकों की यह अंतिम बहाली थी।

TET परीक्षा 2011

राज्य में पहली बार वर्ष 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था।
अभ्यर्थी इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, उनकी मान्यता सात साल तक थी। इस परीक्षा में दो पेपर होते थे – पहला पेपर कक्षा 1-5 तक के लिए और दूसरा पेपर कक्षा 6-8 के शिक्षकों के लिए। दिसंबर, 2011 में प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों के शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा में 27 लाख परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से लगभग डेढ़ लाख अभ्यर्थी सफल हुए।

फरवरी, 2012 में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए हुए एसटीईटी में लगभग सवा चार लाख परीक्षार्थी शामिल हुए। इनमें से प्लस टू स्कूलों के लिए लगभग 20 हज़ार व हाईस्कूलों के लिए करीब 69 हज़ार परीक्षार्थी सफल हुए

इसके 6 वर्ष बाद 23 जुलाई, 2017 को एक बार फिर प्रारंभिक शिक्षकों के लिए टीईटी का आयोजन हुआ। वर्ग 6-8 के लिए 1.68 लाख परीक्षार्थियों ने भाग लिया, जिनमें 30,113 अभ्यर्थी पास हुए। वहीं, वर्ग 1-5 में करीब 44 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए जिनमें से 7038 उम्मीदवारों ने कामयाबी हासिल की। दोनों पेपरों से मिलाकर कुल 37151 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की।

2006 से 2017 को बीच राज्य सरकार ने प्रारंभिक स्कूलों में करीब सवा तीन लाख, प्लस टू स्कूलों में 12 हज़ार व हाईस्कूलों में 23 हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति की।

इस बीच शिक्षा विभाग ने 2013 में 26 हज़ार उर्दू व बांगला शिक्षकों का विज्ञापन निकाला। अक्टूबर 2013 में इस परीक्षा का आयोजन हुआ और अगले महीने नवंबर में इसका परिणाम जारी कर दिया गया। इसमें दोनों पेपर से कुल 26500 अभ्यर्थियों को सफलता मिली। अभ्यर्थियों ने दावा किया कि पहले पेपर में बहुत सारे गलत सवाल थे। इसको लेकर कई बार परीक्षार्थियों द्वारा आवाज़ उठाई गई। विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने इसकी जांच करने का फैसला किया। शिक्षा विभाग की जांच में बाल विकास व शिक्षा शास्त्र के चार, गणित में एक और उर्दू के आठ प्रश्न ग़लत निकले। विभाग ने 13 अंक काटकर दोबारा परिणाम निकालने का निर्णय लिया। अंततः मामला हाईकोर्ट पहुंचा।

हाईकोर्ट ने 13 गलत प्रश्नों के बदले 13 अंक काट कर दोबारा परिणाम निकालने का आदेश दिया। परिणाम निकला तो 12 हज़ार से अधिक अभ्यर्थी फेल हो गए। परीक्षार्थियों ने सिंगल बेंच के आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी। डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा। इसमें से 14 हजार शिक्षकों की बहाली हो गई, लेकिन 12 हजार उर्दू शिक्षकों का रिजल्ट अभी तक पेंडिंग है।

राज्य में अभी कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या 4 लाख 55 हज़ार है, इनमें कुल 4 लाख 10 हज़ार नियोजित शिक्षक के तौर पर बहाल हैं। ये बहाली प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूलों में की गई है। अभी भी इन स्कूलों (प्राथमिक-प्लस टू स्कूल) में 2 लाख 73 हज़ार शिक्षकों के पद रिक्त हैं।

बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023

नई शिक्षक नियमावली-2023 को मंज़ूरी मिलने के बाद शिक्षक नियुक्ति की सभी पुरानी इकाईयां भंग कर दी गई हैं।
नई नियमावली के अनुसार, अब शिक्षक राज्यकर्मी कहलाएंगे तथा इनको भी राज्यकर्मियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं प्राप्त होंगी।

राज्य में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की ज़िम्मेदारी शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग BPSC को दी है।
इसके लिए आयोग जल्द से जल्द विज्ञापन निकालने की तैयारी में जुट गया है।
राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 79,943, माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 32,916 तथा उच्च माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 57,618 हैं।

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बीरबल की खिचड़ी है स्थानांतरण सोफ्टवेयर https://biharteachers.in/2023/05/23/govt-lies-on-transfer-software-of-bteachers/ https://biharteachers.in/2023/05/23/govt-lies-on-transfer-software-of-bteachers/#respond Tue, 23 May 2023 07:49:39 +0000 https://biharteachers.in/?p=2811 वर्षों पूर्व से कार्यरत बिहार के शिक्षक जो लम्बे समय से अपने स्थानांतरण के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं उनके लिए एक महत्वपूर्ण खबर निकल कर सामने आ रही है .

शिक्षा विभाग बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के द्वारा दिनांक 23.05.2023 को एक पत्र जारी किया है. राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को जारी पत्र में कहा गया है कि

दिव्यांग शिक्षक/ पुस्तकालय अध्यक्ष एवं महिला शिक्षिका /पुस्तकालय अध्यक्ष को धारित पद के समतुल्य पद पर अंतर नियोजन इकाई में उपलब्ध रिक्त पद के सापेक्ष एक बार ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा का प्रावधान है . साथ ही पुरुष शिक्षकों पुस्तकालय अध्यक्षों को एक बार अंतर नियोजन इकाई पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा दिए जाने का प्रावधान है इस हेतु विभाग द्वारा एक वेबपोर्टल तैयारी करने की प्रक्रिया अधीन है .

अतः ऐसी स्थिति में अंतर नियोजन इकाई स्थानांतरण की कार्यवाही नहीं किया जाएगा. एक ही नियोजन इकाई अंतर्गत नियमावली में वर्णित प्रावधानों के तहत शिक्षकों पुस्तकालय अध्यक्षों का स्थानांतरण जून माह में किया जा सकता है

-पत्र (शिक्षा विभाग बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक)

अभी जब कि शिक्षक नियमावली 2023 के जारी होने के बाद शिक्षकों का विरोध हो रहा है, ऐसे में सरकार कई वर्षों से लंबित मांगों को लेकर फिर से पत्र जारी कर रही है. वैसे इससे यही समझा जा सकता है कि सरकार लॉलीपोप दिखा कर खुश करने की कोशिश कर रही है.

बहरहाल कई शिक्षकों ने इसपरअपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार का गेमप्लान हम सभी समझते हैं . अगर सरकार की मंशा स्पष्ट रहती तो सोफ्टवेयर कब का बन गया होता, सोफ्टवेयर को बीरबल की खिचड़ी बताया है.


शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण पत्रों को को यहाँ से डाउनलोड करें->

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सरकार के चतावनी के बाद भी सड़क पर उतरा शिक्षक संघ : सरकार को ही अल्टीमेटम https://biharteachers.in/2023/05/21/%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%b8/ https://biharteachers.in/2023/05/21/%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%b8/#respond Sun, 21 May 2023 13:49:00 +0000 https://biharteachers.in/?p=2760 सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों ने अपनी आवाज उठाई है। उनका मांग है कि सरकार को नियमावली में कुछ सुधार करने की आवश्यकता है।

इस प्रदर्शन में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि वे सभी प्रमंडल के कमिश्नरों को एक संदेश प्रेषित कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने सरकार के खिलाफ अपनी आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अप्रैल के महीने में नई शिक्षक नियमावली 2023 को लागू किया है, जिसमें कुछ ऐसी धाराएं हैं जो उनका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मांग सिर्फ इतनी है कि सरकार उस नियमावली में कुछ सुधार करें।

सरकार के बनाए गए नियमावली के खिलाफ सड़क पर न उतरने की सरकारी चेतावनी के बाद भी नई शिक्षक नियमावली के विरोध में माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इनलोगों ने सरकार और सरकार के नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इनका कहना है कि सरकार के पूरे नियमावली का हम विरोध नहीं करते, हमारी मांग बस इतनी है कि सरकार इसमें कुछ सुधार करे।

राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने भी इस मांग का समर्थन किया है। उनकी मांग है कि सरकार द्वारा 6-8 वर्ग के लिए रिक्त पद

बताए गए नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ विरोध के समर्थन में दूसरे गठबंधनों ने भी अपनी आवाज बुलंद की है। शिक्षकों के एक संगठन ने सरकार से मांग की है कि वे शिक्षा नीतियों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करें।

इस विरोध में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि वे अपनी मांग को लेकर सभी अधिकारियों को पत्र भेज चुके हैं, जहां पर वे अपने आपत्तिजनक मुद्दों को व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल ही में नयी शिक्षक नियमावली जारी की है, जिसमें कुछ ऐसी धाराएं हैं जो उन्हें प्रशंसा नहीं दिला रही हैं। इसलिए उनकी मांग है कि सरकार नियमावली में कुछ सुधार करें।

एक छात्र संगठन के नेता ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया है। उनकी मांग है कि सरकार द्वारा 6-8 वर्ग के लिए रिक्त पदों पर भर्ती हो, विज्ञप्ति जारी की जाए और नये शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन म

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बिहार अध्यापक नियुक्ति हेतु रिक्तियां जारी https://biharteachers.in/2023/05/07/bihar-teacher-vacency-2023-education-department-job/ https://biharteachers.in/2023/05/07/bihar-teacher-vacency-2023-education-department-job/#respond Sun, 07 May 2023 01:10:27 +0000 https://biharteachers.in/?p=2537 दिनांक 06.05.2023 को शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा जिलों को कक्षावार एवं विषयवार नियुक्ति हेतु रिक्तिओं को जारी कर दिया गया है .

जिलों को प्राप्त विषयवार विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति की कारवाई “बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023” के प्रावधानों के अनुसार होगा. नियमावली 2023 के प्रावधानों के अनुसार यह सीधी नियुक्ति होगी.

कक्षा 9 से 10 तक के अध्यापन हेतु 32916 अध्यापक एवं कक्षा 11 से 12 तक के अध्यापन हेतु 57618 अध्यापकों के पद जिलों को आवंटित किये गए हैं. साथ ही कक्षा 1 से 5 के लिए 79943 पदों की स्वीकृति की गयी है. इसके बाद सम्बंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार इसे विद्यालयों को आवंटित किया जायेगा.

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In the news : 06.05.2023 https://biharteachers.in/2023/05/06/in-the-news-06-05-2023/ Sat, 06 May 2023 03:46:47 +0000 https://biharteachers.in/?p=2507

the wesite


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कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग, कितने% बढ़ेगी सैलरी, कितना होगा वेतन? https://biharteachers.in/2023/05/04/%e0%a4%95%e0%a4%ac-%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%82-%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a4%be-8%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%a4%e0%a4%a8-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97/ https://biharteachers.in/2023/05/04/%e0%a4%95%e0%a4%ac-%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%82-%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a4%be-8%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%a4%e0%a4%a8-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97/#respond Thu, 04 May 2023 02:11:40 +0000 https://biharteachers.in/?p=54 सरकार को जल्द ज्ञापन मिलेगा
कर्मचारियों की मांग को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वेतन बढ़ाने के लिए दो तरह के आवाज बुलंद किए हैं। पहला, सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन को बढ़ाना है जिससे वे अधिक वेतन प्राप्त कर सकें। और दूसरा, अगला वेतन आयोग लागू करने की मांग है। यह दोनों मांगें उन्हें उनके वेतन को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

सरकार का इनकार देखते हुए, कर्मचारी संघ को ज्ञापन देना क अच्छा कदम हो सकता है। यह सरकार को बताएगा कि कर्मचारियों के मुद्दे जितने भी छोटे क्यों न हों, उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इससे सरकार को अधिक दबाव महसूस होगा और वे कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखकर एक समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे

न्यूनतम वेतन कितना  ?
केंद्र सरकार ने न्यूनतम वेतन की सीमा को 18,000 रुपये तक ही बरकरार रखा है। इंक्रीमेंट में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की सिफारिश यदि स्वीकृत होता है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तक तक हो सकती है।

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